'एक व्यक्ति चैटजीपीटी से लव लेटर (प्रेम पत्र) लिखवाता है। उसका मानना है कि चैटजीपीटी उससे भी बेहतर लव लेटर लिखता है। उसके मुताबिक, चैटजीपीटी के लिखे शब्द उसकी फीलिंग्स को बेहतर ढंग से समझा पाते हैं। वो खुद ऐसा नहीं कर पाता है।'
MIT में सोशल स्टडीज ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी की प्रोफेसर डॉ. शेरी तुर्कले ने चैटजीपीटी से लिखे लव लेटर को खतरनाक बताया है। उनका कहना है कि ऐसा होना हमारी सहानुभूति की क्षमता और मानवीय रिश्तों की हमारी समझ के लिए खतरनाक हो सकता है।
डॉ. शेरी तुर्कले ने एक पॉडकास्ट 'How our relationships are changing in the age of ‘artificial intimacy’ में चर्चा के दौरान चैटजीपीटी से लिखे लव लेटर पर बात की।
उन्होंने बताया कि कैसे लोग AI चैटबॉट और अवतारों के साथ इमोशनल कनेक्ट डेवलप कर रहे हैं। डॉ. शेरी तुर्कले कहती हैं कि Artificial Intimacy में थेरेपी चैटबॉट, एआई कंपेनियन, फिटनेस कोच और यहां तक कि परिवार में अगर किसी की मौत हो जाती है तो उनके डिजिटल अवतार भी शामिल हैं।
ये टेक्नोलॉजी सतही तौर पर फायदेमंद लग सकती है, लेकिन लंबे समय में इसके ह्यूमन साइकोलॉजी और रिलेशनशिप पर गंभीर प्रभाव नजर आ सकते हैं।
तुर्कले ने बताया कि वे ऐसे व्यक्ति पर स्टडी कर रही हैं जो लव लैटर लिखने के लिए चैटजीपीटी के यूज करता है। इस व्यक्ति को लगता है कि चैटजीपीटी बेहतर तरीके से लव लेटर लिखता है।
उन्होंने कहा ऐसी सोच चिंता की बात है। हममें से जो लोग बहुत अच्छे से लव लेटर नहीं लिख सकते, वे भी लेटर लिखते समय खुद को एक खास समझते थे। लव लेटर केवल कागज पर लिखी बातों के बारे में नहीं होता था। ये लव लेटर लिखने वाले की फीलिंग को ज़ाहिर करता था। लेटर लिखने वाला क्या महसूस करता है, उसकी भावनाएं क्या है, लव लेटर में झलती हैं। लेटर लिखने के लिए AI का यूज करना व्यक्तिगत प्रक्रिया और इमोशंस को कमजोर करता है। जो बहुत महत्वपूर्ण होती है। भले ही AI से मिला फाइनल आउटपुट यूजर को बहुत आकर्षक ही क्यों ना लगे, लेकिन ये भविष्य में खतरनाक साबित हो सकता है।