आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप OpenAI को इस साल भारी नुकसान की उम्मीद है, लेकिन अगले पांच सालों में कंपनी के रेवेन्यू में बढ़त जारी रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी अपने सिग्नेचर Chatbot पर फीस बढ़ा रही है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, OpenAI कंपनी को 2024 में 3.7 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। 2022 में लॉन्च किए गए ChatGPT से इस साल 2.7 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। जबकि 1 बिलियन डॉलर दूसरे बिजनेस से मिलने की संभावना है।
टाइम्स ने कहा है कि इतना रेवेन्यू मिलने के बाद भी OpenAI को इस साल 5 बिलियन डॉलर का घाटा होने की उम्मीद है। इसमें इक्विटी-बेस्ड कंपंशेसन शामिल नहीं है।
खबर के मुताबिक, कंपनी की सबसे बड़ा खर्चा पार्टनर और OpenAI की टॉप इंवेस्टर Microsoft से मिलने वाली कंप्यूटिंग पावर है, जिसकी क्लाउड सर्विस OpenAI के प्रोडक्ट को होस्ट करती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में कंपनी की मंथली रेवेन्यू 300 मिलियन डॉलर तक पहुंचने के बावजूद घाटा हुआ है। जो 2023 की शुरुआत से 1700% ज्यादा है।
हालांकि, OpenAI का अनुमान है कि कंपनी की ग्रोथ जारी रहेगी। 2025 में कंपनी का रेवेन्यू तीन गुना से ज़्यादा बढ़कर 11.6 बिलियन डॉलर हो जाएगी और 2029 में 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी।
कंपनी के मुताबिक, आने वाले वक्त में रेवेन्य के प्रोफिट का एक हिस्सा ChatGPT यूजर्स के दिए जाने वाले पेमेंट फीस को बढ़ाने से आएगा।
OpenAI ने Times को इस मुद्दे पर बयान देने से इनकार किया है। हालांकि, CNBC ने भी कंफर्म किया है कि कंपनी को इस साल लॉस होगा।
Times के मुताबिक, डॉक्यूमेंट्स OpenAI इंवेस्टर्स को दिखाए गए, क्योंकि स्टार्टअप फंडरेजिंग राउंड में 7 बिलियन डॉलर लाना चाहता है, जिससे कंपनी का मूल्य 150 बिलियन डॉलर हो सकता है।
OpenI फंडिंग राउंड के लिए Microsoft के साथ-साथ Apple और Nvidia के साथ बातचीत कर रहा है। इसके आने वाले हफ्ते में पूरा होने की उम्मीद है। VC फर्म Thrive Capial, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट और UAE बेस्ड कंपनी MGX भी मेन इंवेस्टर हैं।
हालांकि, सोर्स ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि Apple अब फंड जुटाने में भाग लेने के लिए बातचीत नहीं कर रहा है। जब Apple से इस बातचीत के संबंध में सवाल किया तो कंपनी का रिप्लाई नहीं आया।
इस बीच, OpenAI नए स्ट्रक्चर की घोषणा की तैयारी में है। कंपनी की फोर-प्रोफिट ब्रांच अब अपने नॉन-प्रॉफिट फाउंडेशन के बोर्ड के अंडर नहीं रहेगी। कंपनी की चीफ टेक्नॉलिजी ऑफिसर (CTO) मीरा मुराती का अचानक इस्तीफा बड़ा मुद्दा है। आशंका है कि कंपनी के CEO सैम ऑल्टमैन को हटाया जा सकता है।